पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र के पुणे जिले के मुलशी तालुका के कुछ गांवों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के खिलाफ सामाजिक बहिष्कार की घटनाएं सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि एक मंदिर में मानसिक रूप से असंतुलित युवक की हरकत के बाद कई मुस्लिम परिवारों को अपना किराए का घर छोड़ना पड़ा और कुछ पर व्यवसाय बंद करने का दबाव भी बनाया गया। इस पूरे घटनाक्रम ने अल्पसंख्यकों के बीच भय का माहौल पैदा कर दिया है।
इस मामले को लेकर 'पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज' (PUCL) नामक संगठन ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। संगठन के अध्यक्ष और सेवानिवृत्त न्यायाधीश जी.डी. पारेख ने बताया कि पौड और पिरंगुट इलाकों में कुछ जगहों पर अल्पसंख्यकों की दुकानों और व्यवसायों का बहिष्कार करने के लिए बैनर लगाए गए, यहां तक कि हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया।
पुणे ग्रामीण पुलिस अधीक्षक संदीपसिंह गिल ने कहा है कि यदि किसी को किसी प्रकार की शिकायत है तो तुरंत पुलिस से संपर्क करे। उन्होंने बताया कि मई महीने में पुलिस को ऐसी गतिविधियों की जानकारी मिलते ही तुरंत कार्रवाई की गई और बैनर हटा दिए गए। साथ ही ग्रामीणों की बैठक बुलाकर हालात को सामान्य करने की कोशिश की गई।
एसपी गिल ने यह भी कहा कि जो अल्पसंख्यक मजदूर और व्यापारी गांव छोड़कर चले गए थे, वे अब धीरे-धीरे लौटने लगे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि पुलिस हर स्तर पर नजर बनाए हुए है और किसी भी तरह के अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। PUCL ने मांग की है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं, इसके लिए प्रशासन सख्ती से कदम उठाए।